गुरुवार, 26 जनवरी 2012

गणतंत्र दिवस......

आज सुबह जैसे ही समाचरपत्र पड़ा तो एक खबर छपी थी "रिपब्लिक  डे को देश आज़ाद या दांडी मार्च ?"
बहुत ही अच्छी खबर थी जिस में लिखा था आज के युवा भारत पाक क्रिकेट मैच हो या अन्ना का आन्दोलन,युवाओ  का देशप्रेम...... चूड़ी,बिंदी,दुपट्टे से लेकर टोपी तक में नज़र आता है।तिरंगे के बैंड लगाये देश  भक्ति की टी-शर्ट पहनने वाले यूथ ,फेसबुक तक में युवाओ का जज्बा  दिखता है ।लेकिन मुझे दुःख यह पढ़ कर हुआ कि......रिपोर्टर जब कुछ युवाओ से गणतंत्र दिवस को लेकर प्रशन पूछे तो बेहद अजीबो -गरीब जवाब रिपोर्टर को सुनने को मिले ।जिनसे प्रशन किये गए उनमें से बहुत ही कम लोग यह बता पाए कि गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है ?......और कुछ के जवाब तो इस प्रकार थे इस दिन भारत आजाद हुआ था,गाँधी जी ने दांडी मार्च किया था ,किसी ने कहा आज कल तो हर डे मानाने  का फैशन चल पड़ा है इसलिए ही मानते है इसी  प्रकार के बहुत से उत्तर ....खेर ऐसा होता है, हर इंसान को हर विषये के बारे में जानकारी नहीं होती है ।पर जानकर दुःख तो अवश्य हुआ ।
तो मैंने सोचा आज गणतंत्र दिवस के दिन हमारे देश और गणतंत्र दिवस के बारे में जितनी जानकारी रखती हु आप सभी के साथ बाँट लू।  २६ नवम्बर १९४९ को हमारे देश का संविधान  अंतिम रूप में स्वीकृत हो गया ।पर इसे २६ जनवरी १९५० को लागू किया गया और तब से इस दिन को भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है ।
प्रत्येक  स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र का अपना एक संविधान  होता है ।भारत का भी अपना  एक व्रहद संविधान है ।ये लिखित और विस्तृत है जो देश कि परिसितिथियो ,एतिहासिक अनुभवों और भोगोलिक -सामाजिक विभिन्ताओ  के अनुकूल निर्मित किया गया है। और भारतीय संविधान कि जड़े हमें ब्रिटिश शासको  द्वारा  लाये गए अनेक अधिनियमों से मिलती है ।भारतीय संविधान ब्रिटिश शासको कि पद्धतियो को परिलक्षित तो करता ही है इसके साथ ही कई तत्व अमेरिका ,कनाडा ,दक्षिण अफ्रीका और आयरलैंड के संविधानो से भी लिए गए है संविधान निर्मतायो ने इनके प्रावधानों को भारतीय परिसिथितियो के अनुसार ढाल लिया ।उल्लेखनीय है कि
  • संसद व्यवस्था के प्रावधान को ब्रिटेन के संविधान 
  • मोलिक अधिकारों ,नागरिकता और न्यायपालिका को स्वतंत्रता अमेरिका संविधान
  • संघीय व्यवस्था कानाडा और आस्ट्रेलिया के सविधान
  • इसके अलावा आपातकालीन प्रावधान जर्मनी के संविधान
  • नीति निर्देशक सिधान्तो के प्रावधानों को आयरलैंड के संविधान से अधिग्रहित किया गया है ।

इसी के साथ आप सभी को मेरी ओर से ६३वे गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाये ।

मंगलवार, 17 जनवरी 2012

riashto ke tane- bane

जिंदगी की राहों में मिलते है,
न जाने ,कितने अपने कितने बेगाने||
कुछ खास से जुड़ जाती है 
रिश्तो की नाजुक डोर 
कईयो से बिना डोर भी
जुड़ जाते है रिश्तो के ताने -बाने||
इन ताने बनो से जुडी होती है
भावना किसी की 
जुड़े होते है प्यार के अफसाने||
आखिर क्यों बनते है 
यह रिश्ते अनजाने 
जिनमें बंधे होते है 
अनजानी राहों के मुसाफिर अनजाने||
ज़रूर होते होगे पिछले जन्मो के 
कुछ रिश्ते पुराने तभी तो कुछ खास 
न होते अपने न रहते बेगाने ||
जिंदगी की राहों में मिलते है 
न जाने कितने अपने कितने बेगाने ||