मंगलवार, 7 सितंबर 2010

कॉमन वेल्थ खेल का खेल



जिस विषय पर सारी दुनिया में विवाद है भारी,
वह कॉमनवेल्थ २०१० खेलो की है तेयारी
झेल रही है जिसे दिल्ली की जनता सारी,
फुटपाथो से लेकर सज रही है स्टेडियम की बत्ती सारी
मेहमान नवाजी के लिए तेयार है शीला सरकार हमारी,
आंखे मूंद कर रही है सभी तेयारी
विरोधी पार्टियों ने भी उठाई है आवाज़ ये भारी,
घोटालो की लग चुकी है खेलो को बीमारी
१५ दिनों की है इन्द्रधनुषी बरसात ये प्यारी ,
और प्रशासन ने पहेले ही कर ली अपनी जेबे भारी
मीडिया दिखता है जब असलियत सारी ,
तो आंखे फेर लेती है सरकार हमारी
कॉमनवेल्थ खेलो पर ही टिकी है अब तो नज़रे सारी,
पर जरा कॉमन मेन को भी पूछ लीजिये ,
आखिर उस्सी ने तो झेली है मुसीबते सारी
कॉमन मेन का जो हो रहा बुरा हाल है,
ये केवल कॉमनवेल्थ खेलो का ही कमाल है


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6 टिप्‍पणियां:

  1. कॉमन मेन का जो हो रहा बुरा हाल है,
    ये केवल कॉमनवेल्थ खेलो का ही कमाल है


    -बिल्कुल सही.

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  2. प्रशासन ने पहेले ही कर ली अपनी जेबे भारी

    हद हो गर्इ है भारत में भ्रष्टाचार की भी.

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  3. yeh kewel commonwealth kahi hai kamal
    jiske liya hum sab hai pareshaan.........





    Yaar badi shaandar poem hai

    जवाब देंहटाएं
  4. yeh kewel commonwealth kahi hai kamal
    jiske liya hum sab hai pareshaan.........





    Yaar badi shaandar poem hai

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  5. अपने टैक्स के पैसों को आतिशबाजी, रौशनी और गुब्बारों के लावा भ्रष्टतम व्यक्तियों की जेब में जाते देखने को अभिशप्त आम आदमी की पीड़ा गुमनाम ही रह जाये, यदि ऐसी अभिव्यक्तियाँ उनकी भावनाओं को न मिल पाएं.

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