गुरुवार, 29 जनवरी 2009
सरनेम की माया
पुराने काल में जब कन्याओ का विवाह होता था ,तो उनका केवल एक ही धर्म होता, अपने पति के धर्म को मानना उसके मान-सम्मान का धयान रखना व पति के प्रति समर्पण की भावना रखना परन्तु अब विवाह के मायने ही बदल गए है यहाँ कोई समर्पण नही रहा सब स्वं को उच्च समझते है और कोई अपनी पहचान नही खोना चाहता एक और यदि देखा जाए तो ,जब माँ-बाप अपने बच्चो की शादी करते है तो वह अपने ही धर्म में करते है जिसके चलते लड़कियों को अपने पति के धर्म को अपनाने में कोई भी आपति होती और कई बार तो दोनों परिवारों का सरनेंम भी एक ही होता है जिस के कारण कोई भी समस्या उत्पन्न नही होती है परन्तु जब लड़के-लड़किया स्वं शादी करते है और खास कर की अन्तेजतिये विवाह करते है उस समय लड़कियों समक्ष अपना सरनेम बदलने की समस्या उत्पन्न होती है वह सोचती है की उनकी अपनी पहचान कही खो न जाए ऐसे में वे यह तो अपना सरनेम लगाती ही नही यह फिर अपना और अपने पति दोनों का लगाती है एक और देखा जाए तो इसका आजकल चलन हो चला है और यह लाभदायक भी है जिनका पारिवारिक जीवन सफल नही हो पता वह अलग होने के बाद फिर अपनी उसी पहचान को प्राप्त कर अपना जीवन जीती है और किसी कागजो का फेर-बदल भी नही करना पड़ता
शनिवार, 17 जनवरी 2009
बाल विवाह
मासूम ,भोला ,स्वतंत्र और बेफिक्र बचपन हर किसी की किस्मत में नही होता जिसका एक बड़ा कारण बाल विवाह भी है इस पारंपरिक प्रथा को सम्पूर्ण रूप से समाप्त तो नही किया जा सकता परन्तु कुछ सफल प्रयासों द्वारा इसमें कमी लायी जा सकती है केवल कानून बनाने से कुछ नही होगा उस के द्वारा तो हम लोगो में डर पैदा कर सकते है और कमी भी ला सकते परन्तु कानून को सदेव सबूतों की जरुरत होती है जो इस प्रकार की गतिविधियों में छुपा लिए जाते है और सरकर कुछ नही कर पातीइस की रोकथम के लिए जरुरी है लोगो का जागरूक करना जैसे नुक्कड़ नाटक तथा गीतों का सहारा लेकर ,सम्मेंलनो के जरिये माँ -बेटी को विवाह के दुष्परिणाम के सम्बन्ध में अवगत कराकर तथा अधिक से अधिक लोगो को इस प्रथा को रोकने के लिए भागीदार banaker इसका सबसे अहम् कारण garibi bhi hai jo choti umer aur bemale vivha karati hai iske liye bhi sarkar ladli yojnayo jaisi yojnaye layi jis ka labh logo ko hua bhi parantu kagji kryewahi se bachne wale logo phir peeche rahe gaye इसके लिए कुछ समाजसेवी संगठनों को गरीब कन्याओ के विवाह के लिए कुछ धन राशिः मुहेयिया करानी chaiye tatha ladli yojnayo jaisi yojnayo ko kiriyanvit karne mein saheyog dena chaiye aur jaha is prakar ke vivaha adhik hote hai वहा पर लड़कियों की संख्या ,शिक्षा ,उमरअदि का बेयोरा रखे और समय -समय पर जाच करे की कही इस प्रकार किसी की जिंदगी के अनमोल पल ख़राब न हो रहे हो
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