गुरुवार, 24 नवंबर 2011
निर्माण के खेल का शिकार होती एक और सड़क
यह चित्र है एक सड़क का जो बिलकुल सही हालात में थी और आब इस कि हालात आप कि नज़रो के सामने है!
आप ने अपने आस पास कई बार देखा होगा कि जो सड़क बिलकुल सही थी वो सड़क तोड़ने के अचानक आर्डर आ जाते है और दुबारा से वहा पर निर्माण कार्य शुरू हो जाता है .और यह केवल एक सड़क का उदाहरण नहीं है बहुत से जगह हमको यह देखने को मिलता है जैसे सड़क किनारे पेड़-पोधे लगाना और उन की कोई देखभाल न करना और उनके ख़राब हो जाने पर फिर पेड़-पोधे लगाना.................................................. नए फुटपथो का निर्माण करवाना फिर कुछ समय बाद उनको तुडवाना और फिर उन का निर्माण करवान .............अब सवाल यह उठता है कि आखिर यह निर्माण का कोन सा ढंग है जहा देश के विकास के नाम पर सम्पति और आय का यह मेल किया जाता है कि पहेले सम्पति का निर्माण कराया जाये फिर उससे बरबाद किया जाये और फिर निर्माण .........जहा एक और देश मैं इतनी महंगाई बढ रही है वहा इस प्रकार से देश का पैसा क्यों बर्बाद किया जाता है...............और वास्तव मैं जिन जगह इस आय का सही उपयोग होना चहिये वहा तो कोई विकास कार्य नहीं किया जाता है..............
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अब क्या है कि हम महान देश के महान नागरिक हैं। यह सब देख कर कुढते रहते हैं। यहां तो फिर भी बनती-उधडती है। सुदूर जगहों में तो कागज पर ही वारे-न्यारे हो जाते हैं। पर फिर भी जन-जागरण हुआ है, कुछ तो पाबंदी लगी ही है।
जवाब देंहटाएंji gagan ji shayed aap sahi keh rahe hai........
जवाब देंहटाएंक्या हालत है...
जवाब देंहटाएंsameer ji yeh to in halato ka ek namuna hai halat to isse bhi badter hai
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