
आज हम आजाद है ,
यह जश्न की बात है,
पर शहीदों की शहादत ,
आज किसको याद है
अपने जीवन को मिटा,
आजाद हम को कर गए,
राष्ट्र भावना के लिए,
हँसते हुए बिखर गए
आज उस आज़ादी का,
मोल हम खो रहे,
क्रांति के बीज अब,
हम नहीं बो रहे
बढ़ना है आगे हमें,
यह सोच अपना रहे,
बिना सोचे समझे ,
आगे बढते ही जा रहे
विकास के नाम पर ,
छोटे -बड़े सब साथ है,
देश फिर गुलाम हो रहा,
इस बात से अज्ञात है
फंस चुका है देश आज,
फिर विदेशी जाल में,
हो रहा दिवालिया ,
भ्रष्ट्राचार के संजाल में
रक्षक ही भक्षक बने,
क्या दे़ख नहीं पा रहे?
फिर भी अपने आप को ,
आजाद कहे जा रहे,
फिर भी अपने आप को,
आजाद कहे जा रहे
हम खुश है आज की ,
आज हम आजाद है,
आज़ादी की ख़ुशी ,
हम सब के साथ है,
यह भी तो जश्न की बात है
Aaazadi kee saal girah mubark ho bhut accha likha hi....
जवाब देंहटाएंbhut khub...
बहुत सटीक!
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप एवं आपके परिवार का हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.
सादर
समीर लाल
अपनी पोस्ट के प्रति मेरे भावों का समन्वय
जवाब देंहटाएंकल (16/8/2010) के चर्चा मंच पर देखियेगा
और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ...
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